SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 504 ५५ ५६ नीलादि व्यायुक्त भासिद्धिक एकेन्द्रियों के उद्देशात्मक शतक से निरूपण 12. पैंतीसवां शतक का प्रथम उद्देशक ५७ ६० छट्टा एकेन्द्रिय सम कृष्णश्यायुक्त धवसिद्धिक एकेन्द्रिय जीवों के भेदों का कथन सातवें से १२ वें पर्यन्त के एकेन्द्रिय शतक. - कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीन के ६१ उत्पत्ति आदि का निरूपण ५९ / / अवशिष्ट पन्द्रह भेद कृतयुग्म गोज आदि के उत्पत्ति आदि का निरूपण ६२. - ६३ राशि के क्रम से महायुग्मों का निरूपण - ६४ 1 दूसरा उद्देशक प्रथमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण "" उत्पत्ति का निरूपण 1 अचरमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रियों के उत्पत्ति का निरूपण ६ प्रथमसमय प्रथमसमय कृतयुग्ण कृतयुग्म एकेन्द्रिय के उत्पत्ति का निरूपण 'प्रथम प्रथमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय के उत्पत्ति का निरूपण प्रथमचरमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण ६५ ६६ W-20 # ४८२-४८९ ४९०-४९५ तीसरे उद्देश ले ११ पर्यन्त के उद्देशकों का कथन 'प्रथम समयादि कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रियों के उत्पत्ति आदि का कथन "वरमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रियों के ४९६-५१५ .५११-५२८ ५२९-५४३ ५४४-५४९ ५५०-५५४ ५५५-५५७ ५५७-५५८ ५५९-५६ ५६०-५६२ ५६२-५६३
SR No.009327
Book TitleBhagwati Sutra Part 17
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1972
Total Pages812
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size54 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy