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१०८ कृष्णलेरयावाले ज्योग - द्वापरयुग्म करयोज राशिवाले नैररिकों के उत्पाद का कथन से १२ पर्यन्त के उद्देशकों का कथन
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११०
१११
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११३
११४
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५ वें से ठप के बार कृष्णलेश्वाराचे सिग्न छतयुग्म नैरों के
उत्पाद का कथन
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नीलेवावाले चार उद्देयतों के वैरविकों के
उत्पाद का कथन
१३ वे से नीस पर्यन्त के उद्देशक कापhadaयायुक्त नैरथिकों के उत्पाद का चार उद्देशक एवं तेजोलेश्याले नैरयिको के चार उदेशकों द्वारा कथन
२१ से २८ पर्यन्त के उद्देशक का कथन पद्मलेश शुक्ललेश्या से युक्त चार चार उद्देशकों का स्थन
२९ से ५६ पर्यन्त के उद्देशकों का कथन भवसिद्धिकराशियुग्म कृतयुग्न नैरयिकों की उत्पत्ति का कथन
कृष्णलेायुव भवसिद्दिक राशिपुग्न कृतयुग्य नैरयिकों के उत्पत्ति का कथन
नील्लेश्या एवं कापोतलेश्यायुक्त सर्वविद्धिक राशियुग नैरथिकों के उत्पति का कथन
वेजोलेश्या पद्मायुक्त भवतिद्धिकों का चार चार उद्देशक
शुक्लश्वायुवा मनसिद्धिकों का घर
उदेशकों से कथन
७२९-७३१
_७३२-७३३
७३४-७३५
७३६-७३९
७३९-७४२
७४३-७४५
७४५-७४६
७४७
७४८
७४९