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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२५ उ.५ सू०११ पुद्गलानां कृतयुग्मादित्वम् ८८५ - तेओगे.' किं कृतयुग्मः योनः द्वापरयुग्मः कल्योजो वा। हे भदन्त ! परमाणुसम्बन्धि कालवर्णस्य पर्यायः किं कृतयुग्मादिरूप इति प्रश्नः । भगवानाह'जहा' इत्यादि । 'जहा ठिईए वत्तव्यया एवं वन्नेसु वि सव्वेमु' यथा स्थिती- ... स्थितिविषये कृतयुग्मादीनां वक्तव्यता कथिता एवं सर्ववर्णेष्वपि वक्तव्यता - ताशी एन वक्तव्या तथाहि-कालादि वर्णपर्याया स्थात कृतयुग्मरूपाः यावत - स्यात् कल्पोजरूपा इति । 'गंधेस वि एव चेव' गन्धयोरपि एवमेव गन्धौ स्यात् ।। कृतयुग्मरूपौ यावद स्यात् कल्योनरूपौ इति । 'एवं रसेम वि जाव महुरोमो त्ति' प्रभुश्री से ऐसा पूछते हैं-'हे भदन्त ! जो पुद्गल परमाणु 'कालवन्नपज वेहिं' कालवर्ण की पर्यायों द्वारा ' कडजुम्मे ते भोगे.' क्या नय. ग्मरूप होता है ? अथवा योजरूप होता है ? अथवा द्वापरयुग्मरूप ! होता है ? अथवा कल्योजरूर होता है ? तात्पर्य इसका यही है कि परमाणु सम्बन्धी कालवर्ण की पर्याय क्या कृतयुग्मादिरूप होती है ? इस प्रश्न के उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं-'जहा ठिईए वत्तषया एवं वन्नेस्तु वि सम्वेसु' हे गौतम ! जैसी स्थिति के विषय में कृतयुग्मादिकों . की वक्तव्यता कही गई है उसी प्रकार की वक्तव्यता समस्त वर्गों के । विषय में भी कहनी चाहिये अर्थात् परमाणु सम्बन्धी काल वर्ण की समस्त पर्यायें कदाचित् कृतयुग्मरूप होती है यावत् कदाचित् कल्योज .. रूप होती हैं । 'गंधेसु वि एवं चेव' इसी प्रकार से दोनों गंध सुरभि . दुरभिगंध की अपेक्षा से कदाचित् कृतयुग्म होते हैं यावत् कदाचित् . , प्रभु श्रीन से पूछे थे 8-8 मन् पुगत ५२म 'कालवामपनवेहि'
जावनी पर्याय द्वारा 'किं कडजुम्मे तेओगे' शुकृतयुम ३५ डाय छ? અથવા ભેજ રૂપ હોય છે? અથવા દ્વાપરયુગ્મ રૂપ હોય છે? અથવા . કાજ રૂપ હોય છે? કહેવાનું તાત્પર્ય એ છે કે-પરમાણુ સંબંધી કાળાવર્ણના પર્યાયે શું કૃતયુમ વિગેરે રૂપ હોય છે ? આ પ્રશ્નના ઉત્તરમાં પ્રભુ श्री ४ छ -'जहा ठिईए वत्तत्रया एवं वन्नेसु वि सम्वेसु' हे गौतम । સ્થિતિના સંબંધમાં જે પ્રમાણે કૃતયુગ્માદિનું કથન કર્યું છે, એ જ પ્રમાણે કથન સઘળા વર્ગોના સંબંધમાં પણ કહેવું જોઈએ. અર્થાત્ પરમાણુ સંબંધી કાળા વર્ણના સઘળા પર્યાયે કેઈવાર કૃતયુમ રૂપ હોય છે. કોઈવાર જ રૂપ હોય છે, કેઈવાર દ્વાપરયુગમ રૂપ હોય છે. અને કોઈવાર કલ્યાજ રૂપ
डाय छे. 'गंधेसु वि एव' चेत्र'- मेल प्रमाणे सुध भने हुम २७ म वार कृतयुम ३५ उय छ, यावत् ४८या। ३५ यि छे. 'एवं :