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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२० उ०५ सू०१ पुलस्य वर्णादिमत्वनिरूपणम् ५८७ सुकिल्लए य३, लिय कालए लोहियए हालिद्दए सुकिल्लए य४,सिय नीलए लोहियए हालिदए सुकिल्लए य५, एवं एए चउकसंजोगे पंचभंगा एए सब्वे ने उई भंगा। जइ एगगंधे सिय सुभिगंधे सिय दुन्भिगंधे यर, जइ दुगंधे लिय सुन्भिगंधे य दुन्भिगंधे या रसा जहा वन्ना। जइ दुफासे जहेब परमाणुपोग्गले४। जह तिफासे सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लुक्खे१, सव्वे सीए देसे निद्धे देसा लुक्खार, सव्वे सीए देसा निद्धा देसे लुक्खे३, सव्वे सीए देसा निद्धा देसा लुक्खा४, सव्वे उलिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे । एवं भंगा चत्तारि४। सव्वे निद्धे देसे सीए देसे उसिगे४, सब्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे४, एए तिफासे सोललभंगा१६। जइ चउफासे देसे सीए देसे उलिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे१, देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देला लुक्खार, देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसे लुक्खे३, देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देला लुक्खा, देसे सीए देसा उलिणा, देसे निद्धे देसे लुक्खे५, देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा६, देसे सीए देला उसिणा देसा निद्धा देसे लुक्खे७. देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा८.देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे९, एवं एए चउफासे सोलस भंगा भाणियव्वा जाव देसा सीया देसा उलिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा सम्वे ते फासेसु छत्तीसं भंगा॥सू०२॥
छाया-चतुःपदेशिका खलु भदन्त ! स्कन्धः कतिवर्णः कतिगन्धः कतिरसः कतिस्पर्शः प्रज्ञप्तः ? यथा अष्टादशशते यावत् स्यात् चतुःस्पर्शः प्रज्ञप्तः । यदि एकवर्णः स्यात् कृष्णश्च यावत् शुक्ल: ५, यदि द्विवर्णः स्यात् कृष्ण