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भगवतीस्त्र पन्नत्ते। जइ एगवन्ने सिय कालए जाव सुकिल्लए ५। जब दुवन्ने सिय कालए य नीलए य१, सिय कालए य नीलगा य२, सिय कालगा य नीलए य३, सिय कालगा य नीलगा य४, सिय कालए य लोहियए य, एत्थ वि चत्तारि भंगा। सिय कालए य हालिदए य४, सिय कालए य सुछिल्लए य४, सिय नीलए य लोहियए य४, सिय नीलए य हालिदए य४, सिय नीलए य सुछिल्लए य४, सिय लोहियए य हालिद्दए य४, लिय लोहियएय सुकिल्लए य४, सिय हालिद्दए य सुक्किल्लए यो एवं एए दस दुया संजोगाभंगा पुण चत्तालीसं४०।जइ तिवन्ने सिय कालए य नीलए य लोहियए यर, सिय कालए नीलए लोहियगा यर, सिय कालए य नीलगाय लोहियए य३, लिय कालगा य नीलए य लोहियए य४, एए भंगा चत्तारि ४। एवं कालनीलहालिदएहिं भंगा चत्तारित, कालनीलसुक्किलएहिं भंगा चत्तारि४, काललोहियहालिइएहि भंगा चत्तारि४, काललोहियसुकिलेहि भंगा चत्तारि४, कालहालिहसुकिल्लएहि भंगा चत्तारि४, नीललोहियहालिदहि भंगा चत्तारि४, नीललोहियसुकिल्लएहिं भंगा चसारि४, नीलहालिहसुकिल्लएहिं भंगा चत्तारि४, लोहियहालिदसुकिल्लएहिं भंगा चत्तारिएवं एए दस तियासंयोगा, एकके संजोए चत्तारि चत्तारि भंगा, सव्वे ते चत्तालीसं भंगा४। जइ चउबन्ने सिय कालए नीलए लोहिया हालिदए य १, सिय कालए नीलए लोहियए सुकिल्लए घ२, सिय कालए नीलए हालिद्दए