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१९ महावीर स्वामी के दश महास्वमों को निरूपण ..: २१३:२३३ २० स्वप्नके फल का निरूपण
२३३-२४९ २१ गन्धंके ग्रहण का निरूपण
२४९-२५२ सातवां उद्देशा२२ प्रकृष्टवोधपरिणाम (पश्यता) का निरूपण
२५३-२५९ आठवां उद्देशा२३ लोकके स्वरूपका निरूपण,
२६०-२९३ २४ परमाणू की क्रियाविशेषका निरूपण : ... । २१३-२९६ २५ पुरुषकी क्रियाविशेषका निरूपण
२९६-२९८ २६ देवकी क्रियाविशेष का तिरूपण. . . ."
२९८-३०३ नववा उद्देशा--- २७ वैरोचनेन्द्र वलिकी वक्तव्यता
३०४-३१७ ___दशा उद्देशा२८ अवधिज्ञान के स्वरूपका निरूपण "
३१८-३२१ ग्यारहवी उद्देशा२९ द्वीपकुमारों के आहार आदिका निरूपण
३२२-३२९ वारहवां से. चौदहवां उद्देशा ३० उदधिकुमारों के आहार आदिका निरूपण
३३०-३३१ सत्रहवें शतकका पहला उद्देशा-- ३१ सत्रहवें शतककी उद्देशार्थसंग्रह करनेवाली गाथा ३२ उदायी और भूतानन्द नामके हस्तिराजों का वर्णन
३३२-३३४
३३५-३४० ३३ तालके दृष्टान्त द्वारा कायिकयादि क्रियाका निरूपण ३४१-३६० ३४ शरीर-इन्द्रिय और योग में क्रियाका निरूपण
३६१-३७५ दूसरा उद्देशा३५ धर्मादिमें स्थित जीव आदिका निरूपण ३६ जीवों के बालपंडितपना आदिका निरूपण
३७६-३८५ ३७ शरीर एवं जीव के भिन्नत्वका निरूपण... १५..
३८५-३९३ ३८ जीव के रूपित्व और अरूपित्वका निरूपण
":३९४-४०८
४०८-१२०
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