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पृष्ठांक
भगवनीसूत्र भाग १२३ की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमांक
विषय
सोलहवें शतक का पहला उद्देशा १ सोलहवें शतककी अवतरणिका २ सोलहवें शतकको उद्देशार्थ संग्रहिणी गाथा का निरूपण २-४ ३ अधिकरणी नामके प्रथम उद्देशेका निरूपण ४ लोहके दृष्टांत द्वारा पांच क्रियावत्वका निरूपण १०-१७ ५ अधिकरण और अधिकरणी का निरूपण
१७-३१ ६ जीव आदिके अधिकरण आदिका निरूपण
२१-४३ दूसरा उद्देशा७ जीवोंके जरा शोक आदिका निरूपण
४४-६८ ८ मुखवस्त्रिका बांधना चाहिये इस विषय का निरूपण ६८-७७ ९ कर्म के स्वरूपका निरूपण
७७-८५ तीसरा उद्देशा१० कर्मप्रकृतिका निरूपण
८६-९४ ११ क्रियाविशेष का निरूपण
९४-१०१ चतुर्थ उद्देशक - १२ कर्मक्षपणका निरूपण
१०२-१२६ पांचवां उद्देशा-- १३ देवों के आगमन आदि शक्तिका निरूपण
१२७-१३५ १४ शकेन्द्र के विषयमें प्रश्नोत्तर
१३६-१५० १५ गंगदत्त देवका आगमन आदिका निरूपण
१५०-१६० १६ गंगदत्त देवके पूर्वभव के विषयमें प्रश्नोत्तर
१६.१-१८८ छहा उद्देशा१७ स्वप्न के स्वरूपका निरूपण
१८९-२०० १८ स्वमके यथार्थ और अयथार्थपने का निरूपण
२०१-२१३