________________
३९४
भगवतीसूत्र आयाओ य अवत्तव्वं आयाइय नो आयाइय३, सिय आयाओ य अवत्तवाई आयाओ य नो आयाओ य४, (३४८११) सिय नो आया य अवत्तव्यं आयाइय नो आयाइय१, सिय नो आया य अवत्तव्वाइं आयाओ य नो आयाओ य२, सिय नो आयाओ य अवत्तव्वं आयाइय नो आयाइय३, सिय नो आयाओय अवत्तत्वाइं आयाओ य नो आयाओ य ॥४||(१५) सिय आया य नो आया य अवत्तवं आयाइय नो आयाइय१६, सिय आया य नो आया य अवत्तवाइं आयाओ य नो आयाओ य१७, सिय आया य नो आयाओ य अवत्त आयाइय नो आयाइय१८॥ सियआयाओय नो आयाय अवत्तव्वंआयाइयनोआयाइय१९। से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ चउप्पएसिए खंधेसिय आया य नो आया य अवत्तवं तं चेव अटुं पडिउच्चारेयवं? गोयमा! अप्पणो आइट्टे आया१, परस्त आइहे नो आया२, तदुभयस्स आइठे अवत्तव्यं आयाइय नो आयाइय३, देसे आइटे सम्भावपज्जवे देसे आइटे असब्भावपज्जवे चउभंगो। सन्मावपज्जवेणं तदुभयेणं य चउभंगा४। असब्भावेणं तदुभयेण य चउभंगो ४।(१५) देसे आइटे सब्भावपज्जवे देसे आइटे असभावपज्जवे, देसे आइहे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य नो आया य अवत्त वं आयाइय नो आयाइय१६, देसे आइटे सम्भावपज्जवे देसे आइट्टे असम्भावपज्जवे देसा आइटा तदुभयपज्जवा चउप्पएसिए खंधे भवइ, आया य नो आया य अवत्तव्वाइं आयाओ य नोआयाओ य १७, देसे आइहे सभा