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प्रमेयचन्द्रिका टीका श० १२ उ० १० सू० ३ रत्नप्रभादिविशेषनिरूपणम् ३९३ अवत्तव्यं आयाइय नो आयाइय७, देसे आइहे सम्भावपज्जवे देसा आइटा तदुभयपज्जवा तिप्पएसिए खंधे आया य अवतत्वाइं आयाओ य नो आयाओ यद, देसा आइट्टा सब्भावपज्जवा देसे आइटे तदुभयपज्जवे तिप्पएसिए खंधे आयाओ य अवत्तव्वं आयाइय नो आयाइय९। एए तिन्नि भंगा। देसे आइट्टे असम्भावपज्जवे देसे आइट्टे तदुभयपज्जवे तिप्पएसिए खंधे नो आया य अवत्तव्यं आयाइय नो आयाइय१०, देसे
आइडे असब्भावपज्जवे देसा आइट्टा तदुभयपज्जवा तिप्पए, सिए खंधे नो आया य, अवत्तव्वाइं आयाओ य नो आयाओ
य११, देसा आइटा असम्भावपज्जवा, देसे आइटे तदुभयपज्जये तिप्पएसिए खंधे नो आयाओ य अवत्त आयाइय नो आयाइय१२, देसे आटे सब्भावपज्जवे देसे आइटे असब्भावपज्जवे देसे आइटे तदुभयपज्जने तिप्पलिए खधे आया य नो आयाय अवत्तव्यं आयाइय नो आयाइय१३, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ तिप्पएसिए खंध लिय आया तं चैव जाव नो आयाइय।
आया भंते ! चउप्पएसिए खंधे अन्ने पुच्छा, गोयमा! चउप्पएसिए खंधे सिय आयार,सिय नो आयार, सिय अवत्तवं आयाइयनो आयाइय३,सिय आयाय नोआया य१,सिय आयाय नोआयाओयर,सिय आयाओ यनो आया य३,सिय आयाओय नो आयाओय४ासिय आयायअवत्तब्बं आयाइयनोआयाइय१, सिय आया य अवचम्बाई आयाओय नो आयायो यर, सिय
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