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________________ 'आठवे उद्देशे का प्रारंभ १९ आठवें उद्देशे का संक्षिप्त विपयविवरण २० प्रकारान्तर से जीवों की उत्पत्ती का निरूपण २१ तिर्यग्योनि विशेष का निरूपण नव उद्देशा २२ नववे उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण २३ देवों के प्रकार का निरूपण २४ देवों की उत्पत्ति का निरूपण २५ भव्य देवादि की स्थिति का निरूपण २६ भव्यद्रव्य देवादि विकुर्वणा का निरूपण २७ भव्यद्रव्यदेवादि की उद्वर्त्तना का निरूपण २८ भावदेव विशेष के अल्पबहुत्व का निरूपण दशवे उद्देशे का प्रारंभ २९ दशवें उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण ३० आत्मस्वरूप का निरूपण ३१ रत्नप्रभादि पृथ्वि संबन्धी विशेष निरूपण तेरहवें शतक के पहेला उद्देशा ३२ वेरहवें शतक के पहले उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण ३३ तेरहवें शतक के उद्देशार्थ संग्रह ३४ पृथिव्यादि का निरूपण ३५ रत्नप्रभा आदि पृथ्वीयों के नरकावासों का निरूपण ३६ रत्नप्रभा आदि पृथ्वीयों के नैरयिकों के उत्पात आदि का निरूपण २७८ २७९-२८५ २८६-२९२ २९३-२९५ २९५-३०३ ३०३-३१८ ३१८-३२३ ३२३-३२८ ३२९-३४८ ३४८-३५२ ३७ शर्कराममा आदि पृथ्वीयों के नरकावास आदि का निरूपण ३८ रत्नमभा पृथ्वी में नैरयिकों के उत्पात आदि का कथन ३९ नारकों की लेश्याओं का निरूपण ३५३-३५४ ३५४-३९० ३९०-४४८ ४४९-४५० ४५०-४५१ ४५२-४७४ ४७४-४८३ 5 ४८४-४८८ ४८९-५०० ५०० - ५०८ ५०८-५१४
SR No.009320
Book TitleBhagwati Sutra Part 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages743
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size47 MB
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