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प्रमेवमन्द्रिका टी० श०८ उ०८ सू०४ सापरायिककर्मबन्धनस्वरूपनिरूपणम् ८७ विकल्पा ऊहाः, तत्मचयितुमन्तिममाह-अथवा स्त्रीपश्चात्कृताश्च पुरुषपश्चात्कृताच, नपुंसक पश्चात्कृताश्चापि साम्परायिकं कम वनन्तीत्याशयः । अथ सांपरायिककर्मबन्धमेव अतीतादि कालत्रयेण प्ररूपयन्नाह-' तं भंते ! किं बंधी, बंधइ, वधिस्सइ १' गौतमः पृच्छति-हे भदन्त ! तत् सांपरायिकं कर्म किं वद्धवान् , वध्नाति, भन्स्यति ? 'बंधी, बंधइ, न बंधिस्सइ २' किं वा बद्धवान् , बध्नाति, न भन्त्स्यति, 'बंधी,
न बंधइ, बंधिस्सइ ३' किं वा बद्धवान् , न बध्नाति, भन्स्यति, 'बंधी, न वंधइ, ___न बंधिसइ ४ ।' किं वा बद्धवान् , न बध्नाति, न भन्त्स्यति ? भगवानाह
है, वे भी इस सांपरायिक कर्म बंध करते हैं, जो पुरुषपश्चात्कृत होते हैं वे भी इस सपिरायिक कर्म का बंध करते हैं, और जो नपुंसकपश्चात्कृत होते हैं वे भी इस साम्परायिक कर्म का बंध करते हैं। यह अतिम भङ्ग बहुवचन का होता है इत्यादि २६ पूर्वीक्त विकरूप सय यहां पर लगा लेना चाहिये । इसी बात को सूचित करने के लिये (अहवा-इत्थीपच्छाकडा य, पुरिसपच्छाकडा य, नपुंसगपच्छाकडा यति ) ऐसा अन्तिम पाठ कहा गया है। अब गौतमस्वामी प्रभु से ऐसा पछते हैं कि-(तं भंते ! किं बंधी, बंधइ, बंधिस्सइ) हे भदन्त ! इस सांपरायिक कर्म को क्या-वांधा है,बांधता है, वांधेगा ? (बंधी, बंधइ, न पंधिस्सइ) बांधा है, वांधता है, आगे नहीं बांधेगा ? २ (वंधी, न बंधइ, बंधिस्सई) बांधा है, नहीं बांधता है, आगे बांधेगा ? (बंधी, न बंधह, न बंधिस्सइ) बांधा है, नहीं घांधता है, आगे भी नहीं यांधेगा?इसके उत्तर બંધ કરે છે, જે પુરુષ પશ્ચાદ્ભૂત હોય છે તે પણ સાંપરાયિક કર્મને બંધ કરે છે અને જે નપુંસક પશ્ચાદ્ભૂત હોય છે તે પણ સાંપરાયિક કર્મને બંધ કરે છે, ઈત્યાદિ ૨૬ પૂર્વોકત વિકલ્પ અહીં ગ્રહણ કરવા જોઈએ. એજ વાત सरित ४२पाने माटे-(भहवा-इत्योपच्छाकडी य, पुरिस पच्छाकहा य, नपुसंग पच्छाकदा य चंधति ) मेवो मन्तिम सूत्र५।४ २५पामा माव्ये! छे.
गौतम स्वामीन -( त भते ! किं बधी, वधइ, व भिस्सइ" हे ભદન્ત ! આ સાંપરાયિક કર્મને શું કઈ જીવે ભૂતકાળમાં બાંધ્યું છે, વર્તન માનમાં બાંધે છે અને ભવિષ્યમાં બાંધશે?
" वधी, धड, न वधिस्सइ" भूतभा मध्यु छ, निानमा माधे छ भने भविष्यमा नही माधे ? " वधी न वधइ, न घिस्सइ" भूतामा माध्यु छ, तभानमा wist नयी मने विध्यमा मधरी ? “धो, न पह, न ब विस्सद " सूतmi माध्यु छ, तभानमा आयो नयी मन ભવિષ્યમાં પવુ નહી બાધે ?