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.. भगवतीमूत्रे कुड्डा झियाइ, कडणा झियाइ, धारणा झियाइ, बलहरणे झियाइ, वंसा झियाइ, मल्ला झियाइ, छित्तरा झियाइ, छाणे झियाइ, जोई झियाइ !' हे भदन्त ! अगारस्य गृहस्य खलु ध्मायतो ज्वलतः किम् आगारं गृहं ध्मायति ज्वलति ? किंवा कुटयानि भित्तयो ध्मायन्ति ज्वलन्ति ? कडनानि अट्टिकाः टाटी' इति भाषायां प्रसिद्धम्-ध्मायन्ति ? धारणे वलहरणाधारभूते स्थणे स्तम्भौ ध्मायतः ज्वलतः किम् ? किंवा वलहरणं धारणयो रुपरिवर्ति तिर्यगायतकाष्ठम् 'मोभ' इति भाषाप्रसिद्धम् ध्मायति ज्वलति ? अथवा वंशाः ध्मायन्ति ज्वलन्ति ? किंवा मल्लाः-कुडथावष्टम्भनस्थाणवः स्तम्भाः, वलहरणाधारणाश्रितानि च्छित्वराधारभूतानि उीयतानि काष्ठानि वा ध्मायन्ति, ज्वलन्ति ? किंवा वल्काः वंशादिवन्धनभूता बटादि त्वचो रजवः ध्मायन्ति ! ज्वलन्ति ? किंवा छित्वराणि वंशादिमयानि छादनाधारभूतानि आच्छादनानि ध्मायन्ति ज्वलन्ति ! अथवा छादनं दर्भादिमयं पटलं ध्मायति ज्वलति ? किंचा ज्योति झियाइ, धारणा झियाइ, बलहरणे झियाइ, बंसा झियाइ, मल्ला झियाइ, छित्तरा झियाइ, छाणे झियाइ, जोइ झिया' हे भदन्त ! जब घर जलता है- तो उस जलते हुए घर में क्या जलता है- क्या घर जलता है ? या कुडय-भिनियां जलती हैं ? या कडन-टटियां जलती है? या बल हरणके आधारभूत खमे जलते हैं (घलहरण म्यारी को कहते हैं) सो क्या म्यारी जलती है ? (वह एक प्रकारका तिरछा लंबा स्थूल काष्ट होता है जो खंभो पर रखा रहता है ) इसे 'मोभ' भी कहते हैं। अथवा-बांस जलते हैं। या-मल्ल-भीतके सहाराके लिये लगाये गये खम्भे-जल हैं ? या वग्ग-वंशादिको परस्पर में बांधने वाली छाले 'बकोडे ' जलते हैं या छित्वर म्यारी में ऊँचे करके लगाये हुए काठ-जलते हैं ? या ‘छान' छप्पर-जलता हैं ? धारणा झियाइ, वलहरणे झियाइ, बंसा झियाइ, मल्ला झियाइ, छित्तरा झियाइ, छाणे झियाइ, ज़ोइ झियाइ ?' भ६-त1 न्यारे धरने An eी खोय, त्यारे તે સળગતા ઘરમાં શું બળે છે? શું ઘર બળે છે? કે ઘરની દીવાલ બળે છે કે કાન (पाछटिया) मणे छ ? भलिना माघार ३५ तला मले छ ? भास पणे छ ? વાંસ બળે છે ? કે “મહલ' ભીંતના આધારભૂત સ્થળે બળે છે કે “વગ'- વળી વગેરેને પરસ્પર સાથે બાંધવા માટે વપરાતી પાંખ બળે છે? કે વળી બળે છે કે
याति (MH) भने छे ! .