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सेपाटीका स्था ६ ० ५४ अवचने
विधप्रायश्चितनिरूपणम्
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त्रापि
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अन्यत्र गौ । ततः सम्प्राप्ते काले तयोर्यो ज्येष्ठः स मोक्तवान् सम्प्राप्तः काल, गच्छावः संखड़ी कर्त है। क्षुल्लको भाति-प्रतिपिद्धोऽहम्, अतो न तत्र गमिष्यामि । ततो भिक्षाचर्यातो, निवृत्तः क्षुल्लकः आचार्यायेदं निवेदयति, यथा-अयं साधुर्दी करुणैर्वचने यांचते, प्रतिषिद्धोऽपि गृह - प्रविशति, एषणां च हन्ति नाशयति । च पुनरयं मुखमियाणि योगचिकित्सा निमित्तानि जल्पति=त्रदतीति । अत्रापि पूर्ववदेव प्रायश्चित्तप्रस्तारो - बोध्यः । साधु किसी संखडीकर्ता ( जीम्मण करनेवाला) के घर पर गये उस समय वहां संखडी निष्पन्न नहीं होने से वे दोनों ब्रहांसे " दूसरी जगह चले गये, बादमें इनमें जो पर्याय ज्येष्ठ था वह समय : आने पर कहने लगा अब संखंडी निष्पन्न हो गई होगी चलो संखडीके घर पर चलें तब क्षुल्लकने - छोटे साधुने कहा. संखडीकर्त्ताने " देने से मना कर दिया है, अतः मैं तो वहां नहीं आऊंगा इसके बाद भिक्षासे निवृत्त हुआ वह क्षुल्लक वापिस आकर आचार्य से कहने लगा है गुरो ! यह साधु दीन करुणे वचनों से मांगता है, प्रतिषिद्ध होने पर भी घर में घुल जाता है, और एषणाका विनाश करता है, तथा मुखप्रिय वचन बोलकर मीठे २ वचन कहकर दाताको आहार 'देने के निमित्त रिक्षाता है, इस प्रकार कहनेवाले उस क्षुल्लक के ऊपर ● प्रायचित्त प्रस्तार पूर्वोक्त रूपसे कह लेना चाहिये । जैसे - भिक्षाचर्या से . એ સાધુએ કાઈ એક સુખડીઆને ત્યાં પહાંચ્યા, તેઓ જ્યારે ત્યાં પહેાંચ્યા 1. प्यारे, मीठाई तैयार थ न हती. बणी त्यां बहोरना भाववानी ते. आशुसे
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મનાઇ પણ કરી, તેથી તેઓ ત્યાંથી ચાલતાં થયાં હવે ચાડા સમય બાદ
પર્યાય જ્યેષ્ઠ સાધુએ લઘુર્યાયવાળા સાધુને કહ્યુ, “ હવે પેલા માજીસને
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त्यां भीठा तैयार, थ ग शे. यासो त्यां न्हाने भीड़ाई बडेोरी. आपी मे.” त्यारे क्षुस ( बंधु पृर्यायवाना, साधुये ) धु., "ते साधुसे आपले षडरिया भाववानी भनाई छरी छे, तेथी, हु, तो, त्यां नहीं खावु " त्यार બાદ તે બન્ને સાધુ ઉપાશ્રયમાં પાછા ફર્યા. તે ક્ષુલ્લક સાધુએ શુરુ પાસે शेवी वात श्री है “आा साधु हीन, अरुण वयतो मोतीने भिक्षा मागे छे.
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ગૃહસ્થ દ્વારા નિષેધ કરાવા છતાં પણ તે તેના ઘરમાં દાખલ
થઈ
જાય छे.
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અને એષણા દોષથી ષિત થયેલા આહાર ગ્રહણ કરે છે. તે મીઠાં વચને ઓલીને દાતાને ખુશ કરીને તેની પાસેથી આહાર ગ્રહણ કરે છે,
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- પ્રકારનું ખાટું દોષારોપણ કરનાર તે સાધુને પૂર્વોક્ત પ્રાયશ્ચિત્ત
પ્રસ્તારને
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