SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १३७ १३९ १४१ संयम और असंयम आदिके भेदों का निरूपण ६७८-६८१ अतसी कुसुम आदि धान्यों का योनिकाल-उत्पादक । स्थिति कालका निस्पण ६८२-६८४ वादर-अप्कायिक आदिकों का स्थितिकालका निरूपण ६८४-६८५ शक्र और ईशानेन्द्र के अग्रमहिपीयोंकी संख्याका और स्थितिका निरूपण ६८६-६८८ सनत्कुमार आदि कल्यों में रहे हुए देवों की स्थितिका निरूपण ६८९-६९० नन्दीश्वरद्वीपके अन्तर्गत द्वीपों का निरूपण ६९१-६९५ चमरेन्द्रादिवों के अनीक और उनके अनीकाधिपतियों का निरूपण ६९५-७०४ चमरेन्द्रादिको के पादातानीफ और उनके अनीकाधिपतियों का निरूपण ७०४-७१२ सात प्रकारके वचन विकल्पों का निरूपण ७१२ विनयके स्वरूपका निरूपण ७१३-७२७ समुद्घातके स्वरूपका निरूपण ७२७-७३५ निदनों के स्वरूपका निरूपण ७३५-७३९ साता और असाताके स्वरूप का निरूपण ७३९-७४० ज्योतिष्क देवों का निरूपण ७४१-७४५ देवों के निवासभूत कूटोका निरूपण ७४६-७४८ द्वीन्द्रिय जीवों का निरूपण ७४८-७४९ चयादिका निरूपण ७४९-७५१ १४२ १४३ १४४ १४५ १४६ १४७ १४८ १४०, १५० समाप्त
SR No.009310
Book TitleSthanang Sutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages773
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size43 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy