________________
हमारी कमजोरियां
मुझे मालूम है मिठाई खाना मेरे लिये अच्छा नहीं
पर सुन्दर मिठाई ही बचपन से अच्छी समझकर खाई है उसीमें आनंद पाया है और वही अच्छी लगती है. तो जैसे ही सुन्दर मनपसंद मिठाई सामने आई कि दोचार खा ही लेते हैं, यहां मेरी मनपसंद मिठाई की मान्यता, मिठाई नहीं खानी चाहिये
या कम खानी चाहिये, उससे अधिक प्रबल है
मालूम है शरीर के लिये रोज कसरत करनी चाहिये लेकिन सुबह होते ही ऐसा लगता है शामको कर लेंगे, शाम तक तो शरीर ही ऐसा थक जाता है
ऐसा लगता है, कल तो अवश्य ही कर लेंगे. आराम अच्छा लगता है
खाना-पीना, बातें करना, व्यायाम से कहीं ज्यादा अच्छा ही लगता है इस लिए कसरत करते तो हैं, लेकिन जितनी करनी चाहिये, जिस नियमितता
से करनी चाहिये वैसी नहीं कर पाते, उसका अफ़सोस भी है