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सुपरबॉल
आज रविवार का दिन है और आज ही सुपरबॉल की गेम है पूरे USA में आजकल तो सारी दुनिया में यह गेम दिखाई जायेगी और लाखों से आदमी देखेंगे भी
अब हमारी Boston में जैन सेंटर की पाठशाला भी सुबह में थी और हम सबने करीबन १00 लोगोंने प्रभू प्रार्थना की, स्वाध्याय किया, सबसे मिले झूले और दिन पूरा हुआ
फिर मन में विचार चले, सुपरबॉल खेलेंगे कितने और देखेंगे कितने. कई लोगों को तो इन गेमों के बारे में इतना ज्ञान होता है शायद खेलने वालों को भी मालूम नहीं
इस तरह हमारे इस आरे में, पूरे आरे में २४ तीर्थंकर और कितने आदमी, कितने भक्त, कितने धर्म को पढ़ने वाले, भजन गाने वाले, पूजा पाठ की क्रियाएं करनेवाले धर्मी कहलानेवाले
कितने जिन्होंने बॉल को उठाके रोज रोज खेला, सुबह शाम, दिन रात खेला या तो उसीका विचारा कि कैसे अच्छा खेल सकें वो ही किया और में जैसा हूं वैसा ही मुझे समझुं तो
फिर मैं मेरे स्व को पाऊं और अनुभव करूं
तब मुझे मेरा आनंदी, शुद्ध, बुद्ध, परिपूर्ण अमूल्य, चमत्कारी आत्मा का मिलाप होगा मैं तब खुद को, खुद से, खुद में पाकर ही खुद से खुदा, दुखी से सुखी बन जाऊंगा