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मैं यही अपराध
मैं यही अपराध हर बार करता हूं आत्मा हूं आदमी से प्यार करता हूं इस प्यार में अंधा ही रहता हूं आत्मा हूं आदमी से प्यार करता हूं प्यार भी एक नशा है, जिसके रूप अनेक, नशे में ही डूबा रहता हूं आत्मा हूं आदमी से प्यार करता हूं
मैं यही अपराध हर बार करता हूं आत्मा हूं आदमी से प्यार करता हूं प्यार का राग बनाता अंधा मुझे, आत्मा हूं आदमी से प्यार करता हूं प्यार के मुलायम गद्दों से ही मैं खुद ही आत्मा को ढांके रखता हूं आत्मा हूं आदमी से प्यार करता हूं
एक बार मैं प्यार से भी उपर उठ, मुझ आत्मा को ही देखता हूं आत्मा हूं एक बार भगवान बन, आत्मा से प्यार करता हूं अब यह अपराध न कर, मैं मुझमें ही अजर अमर सुख पाता हूं आत्मा हूं आत्मा से प्यार करता हूं