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________________ मेघधनुष सूरज तो श्वेत, शुद्ध, उर्जा से भरपूर है, लेकिन उसकी किरणों में, वर्षा में रंगीन, सात रंगों से रमणीय,धनुष नजर आता है, हमारी नजर उस धनुष पर पड़ती है, हम उसे बहुत ही ध्यान से देखते हैं, क्यों कि मालूम है थोड़ी क्षणों में ये लुप्त हो जायेगा. धनुष के सात रंग, रंगों में रंग, इतने लोभायमान दिलचस्प होते हैं कि हम तो सब कुछ भूल, कुछ समय उसमें ही लीन हो जाते हैं हम इस संसार में, इसकी बदलती पर्यायों में, इसके रंगों में, ऐसे तो लुप्त हो जाते हैं कि भवोंभव तक सारी जिंदगी इसे ही जानने, इसकी अनंत बदलती पर्यायों को जानने इन पर्यायों के बदलते रंग को देखने, उन रंगों के आनंद का अनुभव करने, इतने तो व्यस्त रहते हैं, कि एक जिन्दगी तो बहुत ही कम लगती है. इसीलिए मानव के पास समय कब है ? कहां है? वो तो इतना व्यस्त मन से, तन से, वचन से कि समय ही नहीं
SR No.009269
Book TitleMukt Gulam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUsha Maru
PublisherHansraj C Maru
Publication Year2014
Total Pages176
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & Book_English
File Size23 MB
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