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मेरी भी एक माँ है प्यारी प्यारी सबसे न्यारी बेहद दुलारी माँ जिसने जन्म मुझे दिया, कई कष्ट सहे और दूध पिलाया बड़ा किया, पढ़ाया, सभी चीजों में पारंगत बनाने का प्रयास किया,
क्या क्या नहीं किया माँ बाप ने मेरे लिये, सारी दुनिया का ज्ञान सिखाया दुनिया में स्वमान से खड़ी हो सकू, अच्छे पति, अच्छा कुल का नाम ले सकू सफल बनूं मैं, सबसे न्यारी बनूं मैं, उसके लिए दिन रात तो एक किये
साथ साथ जैन धर्म भी सिखाया गुरु ने सिखाया कि सच्ची माँ तो जिनवाणी है, वोही तुजे तेरा सच्चा स्वरूप बताती है तू ये शरीर नहीं, आत्मा है, सिखलाती है, वो भी कैसी आत्मा, परमात्मा भी है तुझमें ही छिपा
देखो तो अचरज! एक माँ जिसने संवारा बडा किया
और एक माँ, जिसने आत्मा और परमात्मा तक का रहस्य समझाया एक माँ जिसने दुनियादारी में पारंगत बनाया, और एक माँ जिसने दुनिया को ही अनित्य समझाया एक माँ जिसने दुनिया के सारे सुख न्योछावर किये, और एक माँ जिसने सिद्धों का सुख समझाया एक माँ जिसने घर, कुटुंब और समाज में स्वमान और मित्रता से जीना सिखलाया और एक माँ जिसने सच्चा आत्मा का संग सिखाया और कहा, वही तो अविनाशी सत्संग है, वही करने योग्य है
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