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अब मुझे थोड़ा थोड़ा ख्याल आया है. मैं मेरे पड़ोसीसे थोडा थोडा स्वतंत्र हो रहा हूं मेरे खुद के घर को याद कर, उसके गुणों को याद कर, उसीका ध्यान कर रहा हूं मित्र, मैं अवश्य एक दिन मेरे खुद के ही घर लौटूंगा और फिर सदैव के लिये वहां ही रहूंगा यह अनित्य, विनाशी मुझे परेशानियों से पागल कर दे और मैं उसे परेशान करता रहूं ऐसे पड़ोसी को अवश्य ही दूर करूंगा वो पड़ोस में भले रहें पर मैं तो मेरे ही घर में रहूंगा
अब पड़ोसी भी खुश और स्वतंत्र ; मैं भी आनंदी और स्वतंत्र. अब मैं पड़ोसी को पड़ोसी की तरह संभालता हूं, पर रहता तो मेरे खुद के ही घर में, प्रभु खुद के ही घर में
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