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दिवाली
दिवाली आई महावीर की याद है लाई, महावीर के गुणों को याद कर, आतम दिया प्रगटायें स्वयं के गुणों को जानकर, जीवन में प्रकाश लायें आज का दिन है मंगलकारी, शुभ और आनंदी
आज का दिन तो कितना अनोखा, महावीर ने पंचम गति है पाई, गौतम ने पंचम ज्ञान पाया
और सुधर्मा स्वामी बने श्रुत केवली. कैसा तो अनोखा है यह अवसर, करे सबको शुद्ध भावों में विभोर अपने भी भाग्य को तोलें तो इतना भारी कि तोला ही ना जाय
महावीरने गौतम को आत्मा है इसका अनुभव कराया गौतमने सुधर्मा स्वामी को समझाया हम भी तो इस गुरु शिष्य परम्परा में हैं, और यही परंपरा है गुरुओं की, वीतरागता और ज्ञान की वंशावली सदगुरुओं ने उत्कृष्ठ पुरुषार्थ कर, स्वयं की आत्मा को पाया और हमें भी समझाया