________________
उपकार सदा
मैं मानूं उपकार तेरा सदैव ही, हमेशा ही फिर भी अणुमात्र भी कभी भी न हो सका किसी का माँ ने जन्म दिया तो बड़ा होने के लिये और फिर माँ से भी अलग हो, फिर भी मानूं उपकार सदा
इस शरीर को खानपान मिला, स्वस्थता भी यौवन मिला, मिलीं जग की सुविधायें भी पर जब शरीर ही मेरा नहीं, तो फिर कैसे हो सुविधायें मेरी, मैं पृथक्, फिर भी मानूं उपकार सदा
देव गुरू शास्त्र मिले, इन्हीं से तो सतज्ञान भी मिला इन्हीं का संग हुआ, सहारा हो गया, सदा मेरे पूज्य मुझे तो मेरे ही निज पद को जानना, मानना, अनुभवना मैं परिपूर्ण, पृथक् फिर भी मानूं अनंत उपकार सदा