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बाहर से कुछ होता है, अंतर में तो कुछ का कुछ हो ही जाता है मैं तो अंतर, बाहर जैसा हूं, वैसा ही तो एक ही दिखाता हूं मैंने मुझसे प्यार किया है जितना, कौन करेगा इतना, कौन करेगा इतना
बाहर सब कुछ क्रमबद्ध है, अंतर में तो अक्रम ही उल्लास है मैं एक बाहर-अंतर, क्रम-अक्रम अनुभवता एक ही तो जीव हूं मैंने मुझसे प्यार किया है जितना, कौन करेगा इतना, कौन करेगा इतना
मेरे अंतर में कोई भी डर नहीं और नहीं है मुझे किसीकी चिंता मैं शांति से हूं भरपूर और हूं प्रेम की एक अखंड धारा मैंने मुझसे प्यार किया है जितना, कौन करेगा इतना, कौन करेगा इतना
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