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________________ थे। उनका दर्शनमोहनीय कर्म और ज्ञानावरणीय कर्म का क्षयोपशम जितना मजबूत था उतना चारित्रमोहनीय का नहीं था। अनुकूल या प्रतिकूल कारणों के बीच डटे रहने के लिये सक्षम वीर्यबल चाहिये। श्रद्धा और आत्मबोध, ज्ञान की ज्योति और गुरु की कृपा के आधार पर ही स्थिर होते हैं। गिरीशभाई के पास स्वाध्याय का आत्मबल और पंन्यासजी महाराज का कृपाबल था। इसके अतिरिक्त उनको कल्याणकारी मित्र मिले। उनके साथ शास्त्रों का रस घुट घुटकर अनुप्रेक्षा के अमृत की बरसात करते थे। स्वाध्याय के समय कैसे हो? कैसे नहीं?' ऐसे उपचार किये बिना ही आत्मा की बाते शुरु कर देते। ये बाते तीन-चार या पाँच घंटे चलती थी। बीच में खाने पिने की छुट्टी नहीं। सामने कोई सुनता है या नहीं उसकी चिंता नहीं थी। अंदर से निकलनेवाला बोध का प्रवाह अटकने पर रुक जाते। (एकबार किसी महाराज साहब की उपस्थिति में उनको पंन्यासजी महाराज का गुणानुवाद करने जाने का प्रसंग आया। अपने गुरु के गुण गाने की उमंग से उन्होंने रास्ते में ही पंन्यासजी महाराज के बारे में सौ श्लोकों की रचना की। सभा में वह बोलने के लिये खडे हुये, नया ही बनाया हुआ एक श्लोक बोले और महाराज साहब ने उन्हें 'समय नहीं है' ऐसा कहकर नीचे बिठाया। तबसे उन्होंने जाहिरसभा में जाना छोड दिया।) ___अपने सहज क्षयोपशम के आधार पर उन्होंने अनेक नवरचनाएँ की। उनकी हर एक रचना आत्मकेंद्री और भावप्रधान है। सरल, सबल और सहज है। इस लेख में उनकी अन्य तीन रचनाओं का अवगाहन करते हैं। उनके नाम हैआत्मतत्त्वसमीक्षण, नमस्कारपदावली, आशाप्रेमस्तुति। आत्मतत्त्वसमीक्षण में आत्मा के शुद्ध स्वरूप का विचार किया गया है। हम सभी अनादि काल से इस संसार में है। हमे अपना संसारी स्वरूप ही पता है। वह भी एक भव तक का। अपना सही और शुद्ध स्वरूप हम नहीं जानते। वैसी जिज्ञासा भी जागृत नहीं हई। अतः अपने मूल स्वरूप की कल्पना भी हम नहीं कर सकते। मेरी आत्मा कैसी है? मैं राग-द्वेष करता हूँ तब मेरी आत्मा पर क्या बितती है? सुख मिलने पर मैं खुश हो जाता हूँ तब मेरी आत्मा सचमुच खुश होती है क्या? ऐसे विचारों की भूमिका हमारी नहीं है, क्योंकि शरीर और आत्मा अलग है
SR No.009267
Book TitleYogkalpalata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirish Parmanand Kapadia
PublisherShrutbhuvan Sansodhan Kendra
Publication Year2015
Total Pages145
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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