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________________ कल्पनियुक्ति परिचय. श्वेताम्बर आम्नाय सम्मत पैंतालीस आगमों का ११ अंग, १२ उपांग, १० प्रकीर्णक, ६ छेद, ४ मूल, १ नंदी और १ अनुयोगद्वार इस प्रकार वर्गीकरण किया गया है । उसमें चौथा छेदसूत्र दशाश्रुतस्कन्ध है । उसका दूसरा नाम आचारदशा है । दश अध्ययन होने से यह दशाश्रुतस्कन्ध नाम से पहचाना जाता है । इसमें २१६ सूत्र और ५२ श्लोक हैं । दशाश्रुतस्कन्ध के आठवें अध्ययन का नाम 'कल्प' है । परिभाषा से कल्प का अर्थ 'पर्युषणा' किया जाता है। वर्तमान में प्रचलित 'कल्पसूत्र' दशाश्रुतस्कन्ध के आठवें अध्ययन में ही गिना जाता है । इस सूत्र के रचयिता आ.श्री भद्रबाहुसू. म. (प्रथम) हैं । इस सूत्र के ऊपर आ. श्री भद्रबाहुसूरि म. (द्वितीय-आठवीं शताब्दी) रचित नियुक्ति है, जिसे कल्पनियुक्ति कहा जाता है । सोलहसौ साल पुरानी चूर्णि भी है । इस लघु प्रबन्ध में कल्पनियुक्ति का परिचय प्रस्तुत है। जैनागमों पर सामान्यतः संक्षिप्त शैली से सूत्र की प्रस्तावनारूप, सूत्र को समझने के लिए आवश्यक पदार्थों, विषयों की स्पष्टता, पूतिरूप नियुक्ति होती है। वर्तमान में मात्र ८+२ आगमों पर ही नियुक्ति मिलती हैं । परम्परा से नियुक्तियों के कर्ता श्रुतकेवली श्री भद्रबाहुस्वामी कहे जाते हैं । नियुक्तियाँ पद्यबद्ध-गाथामय ही होती हैं और इनकी भाषा अर्धमागधी-प्राकृत होती है । नियुक्तियों में कालक्रम से भाष्य की अनेक गाथाएँ सम्मिलित हो गई हैं जिन्हें अलग कर पाना दुष्कर कार्य है। ज्यादातर आगमिक टीकाएँ व प्राचीन चूर्णियाँ प्रधानतः यथोपलब्ध नियुक्तियों पर ही लिखी गई हैं । नियुक्तियाँ आगमों के सिवाय अन्य साहित्य पर नहीं मिलतीं । नियुक्ति में निक्षेप के द्वारा अर्थ का विवरण किया जाता है । अवचूर्णि : मोटे (बड़े) दल का चूरा करना अवचूर्णि के नाम से जाना जाता है। अवचूर्णि प्रधानतः संस्कृत में होती है । अवचूर्णि प्रायः तीन प्रकार की होती है, १. टीका के संक्षिप्तीकरण रूप, २. टिप्पण के विस्तृतीकरण रूप, ३. स्वतन्त्र अवचूणि । १. कैलास श्रुतसागर ग्रन्थसूची, जैन हस्तलिखित साहित्य-खण्ड-१, हस्तप्रत : एक परिचय ।
SR No.009260
Book TitleKalpniryukti
Original Sutra AuthorBhadrabahusuri
AuthorManikyashekharsuri, Vairagyarativijay
PublisherShrutbhuvan Sansodhan Kendra
Publication Year2014
Total Pages137
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_kalpsutra
File Size3 MB
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