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________________ 12 द्वितीय परिशिष्ट में नियुक्तिपञ्चक' में प्रदत्त कल्पनियुक्ति का पाठान्तर सहित मूलपाठ प्रस्तुत है। तृतीय परिशिष्ट में पदानुक्रम है। चतुर्थ परिशिष्ट में निशीथसूत्रचूणि के दशमउद्देशक का संकलन है । तुलनात्मक दृष्टि से यह उपयोगी है। पाँचवें परिशिष्ट में कल्पनियुक्ति की अन्य ग्रन्थों से तुलना प्रस्तुत है । इसे नियुक्तिपञ्चक से उद्धृत किया है । छठे परिशिष्ट में चूर्णि और अवचूर्णि में व्याख्यात परिभाषाएँ हैं । सातवें परिशिष्ट में कल्पनियुक्ति में इंगित दृष्टान्तों का संकलन है, यह भी नियुक्तिपञ्चक से उद्धृत है। इसके अतिरिक्त कल्पनियुक्ति तथा प्राचीन और नवीन का शब्दकोश एवं धातुकोश भी वर्गीकरण के साथ तैयार किया है । कृतज्ञता : पू.पा.विद्वान् संशोधक आ.दे.श्री वि.मुनिचंद्रसूरि.म.ने श्रुतभवन संशोधन केन्द्र की समस्त गतिविधियों को अपना ही समझकर संशोधन के हरेक क्षेत्र में प्रेरणा और सहकार्य प्रदान किया है । आपके प्रति कृतज्ञता सिर्फ शब्दों से अभिव्यक्त नहीं हो सकती । कल्पनियुक्ति अवचूर्णि की हस्तप्रत का लिप्यन्तरण, संपादनोपयुक्त सामग्री का संकलन, परिशिष्टनिर्माण आदि प्रधान कार्य सुकुमार जगताप (M.A.) ने किया है । इसे शुद्ध और सुन्दर रूप देने में अमितकुमार उपाध्ये एवं महेश देसाई ने मदद की है । और इसका अक्षरांकन विरति ग्राफिक्स के अखिलेश मिश्र ने किया है । ये सब साधुवादार्ह हैं । सम्पादन में रही त्रुटियों को सूचित करने हेतु विद्वज्जन से अनुरोध है । - वैराग्यरतिविजय २०६८, मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी श्रुतभवन संशोधन केन्द्र १. संपा.-आचार्य महाप्रज्ञ, प्रका. जैनविश्वभारती विश्वविद्यालय लाडनूं ।
SR No.009260
Book TitleKalpniryukti
Original Sutra AuthorBhadrabahusuri
AuthorManikyashekharsuri, Vairagyarativijay
PublisherShrutbhuvan Sansodhan Kendra
Publication Year2014
Total Pages137
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_kalpsutra
File Size3 MB
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