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बड़ा और छोटा दानी
उसी दिन अध्यापक वीरभद्रने दूसरी कक्षामें जाकर उस कक्षा के विद्यार्थियों की भी इस विषय में जाँच करनी चाही कि वे बड़े और छोटे तत्त्वको, जो कई दिनसे उन्हें समझाया जा रहा है, ठीक समझ गये हैं या कि नहीं अथवा कहाँ तक उसे हृदयंगम कर सके हैं, और इस लिये उन्होंने कक्षा के एक सबसे अधिक चतुर विद्यार्थीको पास में बुलाकर पूछा
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एक मनुष्यने पाँच लाखका दान किया है और दूसरेने दस हजारका; बतलाओ, इन दोनोंमें बड़ा दानी कौन है ?
विद्यार्थीने झटसे उत्तर दिया- जिसने पाँच लाखका दान किया है वह बड़ा दानी है ।' इसपर अध्यापक महोदयने एक गंभीर प्रश्न किया
'क्या तुम पाँच लाखके दानीको छोटा दानी और दस हजारके दानीको बड़ा दानी कर सकते हो ? '
विद्यार्थी - हाँ, कर सकता हूँ ।
अध्यापक – कैसे ? करके बतलाओ ?
विद्यार्थी - मुझे सुखानन्द नामके एक सेठका हाल मालूम है जिसने अभी दस लाखका दान दिया है, उससे आपका यह पाँच लाखका दानी छोटा दानी है । और एक ऐसे दातारको भी मैं जानता हूँ जिसने पाँच हजारका ही दान दिया है, उससे