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ખરેખર ! તે મહાપુરુષનું જીવન તો અદ્ભુત અને અનુકરણીય હતું. ભાવિ પેઢી પોતાના આદર્શ તરીકે ઘણા સમય સુધી એમને या६ ४२ती २४शे...
- વૈરાગ્ય
अनेक महात्माओ के भक्ति संबन्धी प्रश्नो का निवारण जिस अंदाज से किया है वह बेमिसाल ऐसे अद्भुत लखलूट सामग्री से भरपूर ग्रंथ को जिस अंदाज से आपने सझाया और सवारा है वह देखते ही बनता है ।
ऐसे महापुरुष के बेंग्लोर आगमन को हम हमारे लोगमें चमत्कार ही मानते है। आज भी उनके छोटे छोटे चिंतन कणिकाए भावविभोर बना देती है। जब भी भक्ति का प्रसंग होगा अध्यात्म योगी सदैव याद आयेंगे ।
- अशो: संघवी
(लेखोर)
પરમ પૂજય આચાર્ય ભગવંત અધ્યાત્મયોગી, પરમ કૃપાળુ, અદ્ભુત પ્રભુભક્ત... જેમના માટે ગુણોના વિશેષણના શબ્દો પણ ઓછા પડે અને જડે નહી એવા મહાપુરુષ શ્રીમદ્ વિજય કલાપૂર્ણસૂરીશ્વરજી મ.સા.નો પ્રભુ પ્રેમની પરાકાષ્ઠા રૂપ “કલાપૂર્ણમ્' સ્મૃતિગ્રંથ મળ્યો.
પણ રોજ પ્રભુભક્તિ કરતાં પૂજયશ્રીને યાદ કરું જ છું. એમની જેમ હું પણ જિનાલયમાં નિત્ય ૨૦૨૫ સ્તવનો પ્રભુ સમક્ષ ગાઉં છું... એ પણ આંખમાં અશ્રુ અને અંતરમાં અતિ આનંદ साथे...नी अनुभूति शोभा ४ावी नशाय तेवी छ...
આ ગ્રંથ રૂપ પ્રસાદી મને યાદ કરીને પહોંચાડી... તે બદલ मापनो पूष पूज मामा२ - ७५.१२...
-दुभार (माटुं, मुंबई)
पूरा पढ़कर अभिप्राय लिखने में तो काफी समय लगेगा, परन्तु थोडा सा पढ़ने से ही चित्त अत्यंत प्रसन्न हुआ ।
प.पू. अध्यात्मयोगी आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय कलापूर्णसूरीश्वरजी म.सा. की पावन वाणी का अनमोल खजाना है। इसके संयोजन व सम्पादनकर्ता को बहुत-बहुत अभिनंदन और धन्यवाद । संक्षिप्त में कहा जाय तो यह संग्रह मुक्तिमार्ग का पथप्रदर्शक है ।
- પન્નાલાલ વૈધ
गुरुदेव की श्रद्धांजलि स्वरुप दोनो ग्रंथ सचमुच बड़े प्रेरक है । अच्छे भावभरे सुंदर प्रकाशित हुए है । खूब अनुमोदना है।
- रानी सुरेन्द्रसिंह बोटा
पूज्य श्री का समस्त जीवन सामने देखकर आत्मीय आनंद की अनुभूति हुई । गुरु शिष्य को जीवन देते है और शिष्य गुरु को जीवित रखता है । गुरु को शिष्य के द्वारा दिजानेवाला यह सब से बडा दान है । इस में आपश्री सफल रहे हो ।
- डॉ. सुभाष हैन (हैन, मध्यप्रदेश)
दो-तीन पृष्ठ पढे मगर ऐसा लगा अद्भुत खजाना हाथ लग गया । अलग अलग महात्माओ के द्वारा आचार्य भगवंत के जीवन को जानना और उनमें रही हुई परमात्म भक्ति के प्रसंगो को जानना एक सुखद अनुभूति है ।
हे मधुर सरी * ४४६
हे मधुर बंसरी
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