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स्थान-3: देश-२
| १८९ तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- जामीतेगे सुमणे भवइ, जामीतेगे दुम्मणे भवइ, जामीतेगे णोसुमणे णोदुम्मणे भवइ ।
एवं तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- जाइस्सामीतेगे सुमणे भवइ, जाइस्सामीतेगे दुम्मणे भवइ, जाइस्सामीतेगे जोसुमणे णोदुम्मणे भवइ । भावार्थ :- पुरुष त्र-त्र प्रा२ना छ, ते ॥ प्रभाो छ– (१) ४६न (भूतमi) 05 पुरुष सुमन थाय छ (२) ओई पुरुष हुन थाय छ (3) ओई पुरुष न सुमन नहुन२७ (मध्यस्थ) २४ छ. ____ 16 छु त वियारथी (१) ओ पुरुष(वर्तमानमा) सुमन थाय छ (२) ओ६ पुरुष हुन२६ थाय छ (3) ओई पुरुष मध्यस्थ २७ छे.
४श' (भविष्यमां) ते वियारथी (१) 05 पुरुष सुमन२४ थाय छे (२) ओऽ पुरुष हुन२४ थाय छ (3) 05 पुरुष मध्यस्थ २४ ७. १९ तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- अगंता णामेगे सुमणे भवइ, अगंता णामेगे दुम्मणे भवइ, अगंता णामेगे जोसुमणे णोदुम्मणे भवइ ।
तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- ण जामि एगे सुमणे भवइ, ण जामि एगे दुम्मणे भवइ, ण जामि एगे जोसुमणे णोदुम्मणे भवइ ।
तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- ण जाइस्सामि एगे सुमणे भवइ ण जाइस्सामि एगे दुम्मणे भवइ, ण जाइस्सामि एगे जोसुमणे णोदुम्मणे भवइ । एवं एएणं अभिलावेणं
गंता य अगंता य, आगंता खलु तहा अणागंता । चिट्ठित्तमचिट्ठित्ता, णिसिइत्ता चेव णो चेव ॥ १ ॥ हंता य अहंता य, छिदित्ता खलु तहा अछिदित्ता । बूइत्ता अबूइत्ता, भासित्ता चेव णो चेव ॥ २ ॥ दच्चा य अदच्चा य, भुंजित्ता खलु तहा अभुंजित्ता । लंभित्ता अलंभित्ता, पिबइत्ता चेव णो चेव ॥ ३ ॥ सुइत्ता असुइत्ता, बुज्झित्ता खलु तहा अबुज्झित्ता । जइत्ता अजइत्ता, पराजिणित्ता चेव णो चेव ॥ ४ ॥