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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अब सातवें महापणिडित 'मौर्यपुत्र' की बारी आई. उनसे पहले छह पण्डित जब अपना अपना संशय मिटाकर दीक्षित हो गये, तब वे भला पीछे कैसे रह जाते । अपने साढे तीन सौ छात्रोंके समुदाय को साथ लेकर वे भी प्रसन्नता पूर्वक समवसरण में जा पहुँचे. प्रभुने कहा : "हे मौर्यपुत्र । घेद में एक वाक्य आता है को जानाति मायोपमान गीर्वाणान् इन्द्रयमकुबेरवरूणादीन् ॥ (इन्द्र, यम, कुबेर, वरूण आदि मायोपम देवों को कौन जानता है ?) इससे तुम समझते हो कि देवों का कोई अस्तित्व नहीं है. माया (इन्द्र जाल या जादू) की तरह वे दिखाई देते हैं : परन्तु है नहीं. साथ ही वेदमें अन्यत्र लिखा है स एष यज्ञायुधो यजमानो ऽ जसा स्वर्लोकं गच्छति ॥ (वह यह यज्ञ साधन वाला यत्र मान शीघ्र ही स्वर्गलोक में जाता है) चूँकि स्वर्गलोकमें देवों का निवास है इसलिए देवोंका अस्तित्व मालूम होता है. इसलिए तुम्हें शंका है कि देवोंका अस्तित्व मानना चाहिये या नहीं, ढीक है न ? मौर्यपुत्र :- हाँ प्रभो। आप सचमुच सर्वज्ञ हैं वर्षों से मेरे मनमें देवों के अस्तित्व पर शंका बनी हुई है. यह भीतर ही भीतर मुझे खटकती रहती है, इस शंका का समाधान कर मुझे अनुगृहीत करें ।" प्रभु महावीर :- हे मौर्यपुत्र । देवों के अस्तित्व के विषयमें तुम्हारी शंका व्यर्थ है : क्यों कि इस समवसरण में तुम देवों को प्रत्यक्ष देख ही रहे हो. प्रत्यक्ष के लिए प्रमाण की आवश्यकता नहीं रहती. वेदके उस वाक्य में जो देवोंके लिए "मायो पमान्" विशेषण आया है, उसका आशय यह है कि देवोंका सुख भी शाश्वत नहीं है. "क्षीणे पुण्ये मर्त्यलोकं विशन्ति ॥" जब उनका पुण्य समाप्त हो जाता है तब देवलोक का त्याग करके वे मनुष्यलोक में प्रविष्ट होते है - यहाँ आकर उत्पन्न होते है. जैसे माया (जादू) के दृश्य अनित्य है, वैसे देवलोक के सुख भी अनित्य है : वहाँ की निकृष्ट आयु दस हजार वर्ष और उत्कृष्ट आयु तैतीस सागरोपम है. आयु पूर्ण होने पर देवलोक अनिवार्य रूपसे छूट जाता है, परन्तु यह बल "को जानाति?" कौन जानता है ? कौन इस ६५ For Private And Personal Use Only
SR No.008738
Book TitleSanshay Sab Door Bhaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year
Total Pages105
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
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