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- मोक्ष मार्ग में बीस कदम. बिक्री हुई। दिन-भर वह ग्राहकों को कपडों के टुकडे फाड-फाड कर देता रहा। एक मिनिट भी इधर-उधर जाने या चुपचाप बैठने की उसे फुरसत नहीं मिली। रात को सपने में उसे दुकान का वही भीड-भाड वाला दृश्य दिखाई दिया। उसी प्रकार कपडे फाड-फाड कर वह देता रहा, सुबह नींद खुलने पर उसने देखा कि उसने अपनी धोती के ही चीर-चीर कर आठ-दस टुकडे कर रखे थे!
जिसका मन वश में नहीं रहता, वही सपने में बह कर इस प्रकार मुसीबत मोल लेता है, इसीलिए मन के संयम पर जोर दिया जाता हैं।
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