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•मनः संयम. सकता है, मन का नहीं। उसमें छुआछूत के, घृणा के, दूसरों को अपवित्र समझने के, अपने को पवित्र समझने के भ्रान्तिपूर्ण दुर्भाव जब तक भरे रहेंगे, तब तक कोई मनुष्य पवित्र नहीं हो सकता- भले ही वह हजार बार गंगास्नान कर ले अथवा मछली की तरह निरन्तर गंगाजल में डूबे रहे!
यह सुन कर ब्राह्मण निरूत्तर तो हो गया, परन्तु अपने परम्परागत कुसंस्कार छोडने के लिए तैयार न हुआ।
दिन को मन में आप जैसा भी सोचे हैं, वह रात को सपने में प्रत्यक्ष दिखाई देता है और कभी-कभी उससे मुसीबत भी आ खडी होती है। दो उदाहरणों से यह बात स्पष्ट होगी:
एक भिखारी था, वह किसी जौहरी की दूकान के पास फुटपाथ पर लेटा था। रात को किसी दूल्हे की सवारी उधर से निकली, बैंड-बाजों के साथ नाचगानों के साथ- जगमगाती रोशनी के साथ दूल्हा घोडीपर सवार था। दूल्हे का ही नही, घोडी का शरीर भी बहुमूल्य अलंकरों से और फूलों के हारो से सजाया गया था।
भिखारी सोचने लगा कि मैंने एक रूपये में लॉटरी का टिकीट खरीद रखा है। यदि मेरा नम्बर खुल जाय और दस लाख रुपयों का प्रथम पुरस्कार मिल जाय तो मैं भी ठाठ से एक बँगला खरीद लूँ और इसी दूल्हे की तरह घोडी पर बैठकर विवाह करने जाऊँ ...
__ सोचते-सोचते नींद लग गई।सपने में उसने देखा कि सचमुच लॉटरी का पहला पुरस्कार उसी के नाम पर खुला है। अखबारों में उसके चित्र प्रकाशित हुए हैं। उसने पाँच लाख में एक बँगला खरीद लिया। उसके पास शादी के लिए फोटो-सहित सैकडों लडकियों के प्रस्ताव आये। बारीकी से उनका निरीक्षण करके उसने एक सुन्दर लडकी विवाह के लिए चुनी। दूल्हा बन कर घोडी पर सवार होकर बारात के साथ वह ससुराल पहुँचा। ससुर जी ने बारातियों का खूब स्वागत किया। दूल्हन के साथ उसे विवाह-मण्डप में बिठाया गया । हस्तमिलाप का समय आया। इसके लिए उसने हाथ लम्बा किया। दुल्हन का हाथ तो हाथ में आया नहीं, परन्तु एक डंडा जरूर तडाक से लगा। उसकी नींद खुल गई भिखारी ने कहाः- "अरे चौकीदारजी! केवल दो मिनिट आप ठहर जाते तो कम से कम हस्तमिलाप तो हो ही जाता। उसने सपने का पूरा किस्सा उन्हें सुना दिया।"
चौकीदार :-- “मैं तो समझा कि तुम कोई बदमाश हो, क्योंकि तुम्हारा हाथ जौहरी की दुकान के ताले की ओर बढ रहा था, इसलिए मैंने डंडे का प्रहार तुम्हारे हाथ पर किया, जो मेरा कर्तव्य था। मुझे क्या मालूम कि तुम सपने में हस्तमिलाप के लिए हाथ लम्बा कर रहे थे? लेकिन अब कभी सपने में भी शादी मत करना, अन्यथा ऐसे ही डंडे खाने पड़ेंगे।"
दूसग उदाहरण एक क्लाथ मर्चेन्ट का है। एक दिन उसकी दूकान पर बहुत अधिक
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