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ज्योतिषी बुलवाया गया । मन्त्रीने राजाको पहले ही बतला दिया था कि किस ढंग से क्या प्रश्न करना है। उसके अनुसार राजाने म्यानसे तलवार निकाल कर ज्योतिषीजी महाराज से पूछा : "बताइये, आपकी मृत्यु कब होगी ?" ___इस पर यदि ज्योतिषी कहता कि कुछ वर्ष बाद होगी तो तत्काल उसकी गर्दन तलवार से उड़ाकर भरी सभा में यह प्रमाणित कर दिया जाता कि भविष्य-कथन झूठा निकला।
इससे विपरीत यदि ज्योतिषी कहता कि मैं अभी मरने वाला हूँ तो उसकी गर्दन न काटकर-उसे जीवित रहने देकर यह प्रमाणित किया जाता कि भविष्ककथन झूठा निकला।
फलित ज्योतिषी बहुत चतुर था । वह इस कैंचीको समझ गया । क्षणभर सोचकर उसने उत्तर दिया : "मेरी मृत्यु आपकी मृत्यु से तीन दिन पहले होगी ।"
इस उत्तरको सुनकर राजाने अपनी तलवार म्यान में रख ली; क्योंकि यदि ज्योतिषीको अभी मार डाला जाता तो तीन दिन बाद राजाको भी मरना पड़ता। इस भविष्य कथन द्वारा उसने राजाके मनमें मृत्यु की चिन्ता भर दी थी। राजा इतनी जल्दी मरना नहीं चाहता था और जीवित रहनेके लिए ज्योतिषी को भी जीवित रखना ज़रूरी था ।
कभी-कभी कल्पित संकटोंसे भी व्यक्ति चिन्ताग्रस्त हो जाता है।
बड़े मुल्ला एक बार लोटा लेकर जंगल में शौचकार्य से निवृत्त होने गये । वहाँ एकान्त स्थल ढूँढ कर थोड़ी देर तक बैठे और फिर लोटा वहीं कहीं फेंक कर घर लौट आये।
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