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१४५ अपने एकत्र धनको एक स्पेशल कार में लाद कर पोप जब किसी सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे थे, तभी मार्ग में वह आदमी पिस्तौल लेकर खड़ा हो गया । और उसने सारा धन लूट लिया।
पोप चिल्लाये भी थे : "अरे! पापी मैं तुझे शाप दूंगा तो तू नरक में जायगा।"
परन्तु उस आदमी ने कहा :- “मैं तो आपसे स्वर्ग का पासपोर्ट पहले ही प्राप्त कर चुका है। इस समय तो मैं धर्मके नाम पर दुनिया को लूटने वाले डाकू को लूटने का पवित्र कार्य कर रहा हुँ !"
स्वार्थियों का गौरव इसी प्रकार नष्ट होता है, जैसे पोप का हुआ !
मेरा विहार चल रहा था। रास्ते में किसी जगह लोहे की फैक्ट्री में ठहरने का मौका आया। वहाँ एक जगह बहुत - से हथौड़े पड़े हुए थे। मैंने उन्हें देखकर मैनेजर से पूछा : “क्या इस कारखाने में हथौड़े बनाये जाते हैं ?".
मैनेजर : "नहीं महाराज ! ये तो वे हथौड़े हैं, जो बेकार होने से एक ओर डाल दिये जाते हैं। लोहा ज़ब गर्म किया जाता है, तब उसे ऐरण पर रख कर हथौडे से पीट-पीट कर पतला करते हैं। जब बार-बार काम में आने से हथौड़ा खराब हो जाता है, तब उसे फेंक कर उसके स्थान पर दूसरा हथौड़ा काम में लाया जाता है।"
मैंने फिर पूछा : “यदि हथौड़े इतनी बड़ी संख्या में खराब हुए तो कुछ ऐरण भी खराब हुए होंगे न ?"
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