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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir %Dगुरुवाणी पचास जगह भटकते हैं. इसका मतलब आपका प्रयोग चल रहा है. इट इज एन एक्सपैरीमेंट - प्रयोग कर रहे हैं कि कहीं लाभ मिल जाएगा. रोज एक-हाथ का कुआं खोदते हैं कहीं पानी मिलता ही नहीं. पानी के लिए आपको एक ही स्थान पर कुँआ खोदना पड़ेगा अर्थात् कहीं न कहीं आपको अटूट श्रद्धा-विश्वास प्राप्त ही करना पड़ेगा. हमारी हालत तो ऐसी है कि हम ट्रेन में बैठ कर यहां से बम्बई जा रहे हों. राजधानी एक्सप्रेस में बैठे हों और सामान जैसे पेटी बिस्तरा माथे पर ले करके कम्पार्टमेंट में बैठे तो लोग क्या कहेंगे कि अरे भाई गाड़ी में बैठे हो तो आप अपना पेटी बिस्तरा अपने माथे पर क्यों रखे हो. उसे नहीं मालूम कि जिस गाड़ी में मैं चढ़ा हूं, जो मुझे ले जा रही है वही मेरा सामान भी ले जाएगी. हमारी यह मनोस्थिति ही हमारी परमात्मा के समर्पण के प्रति हमारे दृष्टिकोण को दर्शाती है. अरिहन्ते शरणं पवज्जामि त्वमेव शरणं मम। जब परमात्मा का समर्पण स्वीकार किया, उनकी गाड़ी में बैठ गये. दुकान, मकान, परिवार, सारा बोझा, पेटी-बिस्तरा सब माथे पर फिर क्यों ढो रहे हैं? यह सब मैं चलाता हूं, परिवार का पेट में ही भरता हूं, सारी मजदूरी मैं करता हूं, पर याद करें आपने भगवान की शरण ली है जिसके चरणों में आपने जीवन अर्पण किया, यह सब उसी की कृपा से चल रहा है. पर हमारी आदत पेटी बिस्तरा माथे पर, और बैठे हैं गाड़ी में, जैसी है. रात्रि का समय था और जैसे ही राम जागे उनके मन में एक विचार आया. उन्होंने प्रयोग किया कि सारी दुनिया कहती है कि राम के नाम से पत्थर तैरता है, मैं भी प्रयोग करके देखू. तो मैं यहीं से आपको वह बात समझा रहा था कि प्रयोग तो अविश्वास की भूमिका है. पत्थर लिया, राम का नाम लिखा और राम ने नदी के किनारे जाकर उस पत्थर को छोड़ा. हनुमान जाग रहे थे, परन्तु राम को मालूम नहीं था कि वह जाग रहे हैं, नाटक ऐसा किया कि जैसे वह सो रहे हों. हनुमान के मन में कुतूहल था कि राम क्या कर रहे हैं? राम रात में जाग करके नदी के किनारे क्यों गये. अब जैसे ही राम का नाम लिख कर उन्होंने पत्थर पानी में डाला तो वह डूब गया. राम ने चारों तरफ देखा कि किसी ने देखा तो नहीं. चुपचाप आकर अपनी जगह पर सो गए. अब मन में विचार करने लगे कि जो सारी दुनिया कहती है वह सच है या जो मैंने प्रयोग किया वह सच है? सारी दुनिया कहती है कि राम के नाम से पत्थर तैर गया और मैंने अपने हाथ से राम का नाम लिखा और पानी में पत्थर डाला और वह डूब गया. 52 For Private And Personal Use Only
SR No.008711
Book TitleGuruvani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year1996
Total Pages410
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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