________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुवाणी यतिधर्म देशना विधि Gra वचनगुरुतेति // 86 // (357) जिस प्रकार सापेक्ष यतिधर्म में गुरु की आज्ञा से ही प्रवृत्ति या निवृत्ति की जाती है उसी प्रकार निरपेक्ष यतिधर्म में शास्त्रोक्त विधि से ही प्रवृत्ति या निवृत्ति की जाती है. तथा-अल्पोपधित्वमिति ||60 // (358) उपकरण (सामग्री) कम रखनी चाहिये. तथा-निष्प्रतिकर्म शरीरतेति // 61 // (356) और प्रतीकार रहितता से शरीर धारण करना चाहिये. अपवादत्याग इति // 2 // (360) अपवाद मार्ग का त्याग करना चाहिये. तथा-ग्रामैकरात्रादिविहरणमिति // 63 // (361) और गांव या नगर में एक रात्रि आदि प्रकार से विहार करना चाहिये. तथा-नियतकालचारितेति // 64 // (362) और नियतकाल में भिक्षाटन करना चाहिये. तथा-प्राय ऊर्ध्वस्थानमिति // 65 // (363) और प्रायः कायोत्सर्ग मुद्रा में रहना चाहिये. तथा-देशनायामप्रबन्ध इति // 66 // (364) और देशना देने में बहुत भाव नहीं रखना चाहिये. 645 For Private And Personal Use Only