________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुवाणी यतिधर्म देशना विधि O TOP तथा-यथार्हध्यानयोग इति // 2 // (350) और उचित धर्म ध्यान एवं शुक्ल ध्यान को धारण करना चाहिये. तथा-अन्ते संलेखनेति // 3 // (351) और अंतकाल समीप आने पर संलेखना करनी चाहिये. संहननाद्यपेक्षणमिति // 54 // (352) अपने सामर्थ्य की अपेक्षा रखनी चाहिये. भावसंलेखनायां यत्न इति // 65 // (353) भाव संलेखना का प्रयत्न करना चाहिये. ततो विशुद्धं ब्रह्मचर्यमिति॥८६॥ (354) फिर विशुद्ध ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिये. विधिना देहत्याग इतीति // 7 // (355) देह त्याग करते समय, मृत्यु के उपस्थित होने पर आलोयणा करना, व्रत का उच्चार करना, सर्व जीवों से क्षमायाचना करना, प्रायश्चित करना व शुभ भावना रखनी चाहिये. निरपेक्षयतिधर्मस्त्विति // 88 // (356) निरपेक्ष यतिधर्म इस प्रकार है. Ma 644 For Private And Personal Use Only