________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुवाणी यतिधर्म देशना विधि तथा-प्रतिपक्षासेवनमिति // 73 // (341) और दोषों के शत्रुरूप गुणों का सेवन करना चाहिये. तथा-आज्ञाऽनुस्मृतिरिति 74 // (342) और भगवान की आज्ञा का स्मरण रखना चाहिये. तथा-समशत्रुमित्रतेति // 75 // (343) शत्रु व मित्र में समान भाव रखना चाहिये. तथा-परीषहजय इति // 76 // (344) और परीषह को जीतना चाहिये. तथा-उपसर्गातिसहनमिति // 77 // (345) और उपसर्गों को अति सहन करना चाहिये. तथा-सर्वथा भयत्याग इति // 78 // (346) और सब प्रकार से भय का त्याग करे. तथा-तुल्याश्मकाथनतेति // 76 // (347) और आसक्ति रहित होकर पत्थर व स्वर्ण को बराबर मानना चाहिये. तथा-अभिग्रहग्रहणमिति // 0 // (348) और अभिग्रह धारण करना चाहिये. तथाविधत्वपालनमिति // 1 // (346) और विधिवत् उनका पालन करना चाहिये. न 643 For Private And Personal Use Only