________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir %3Dगुरुवाणी यतिधर्म देशना विधि तत्र च सर्वत्राममत्वमिति // 57 // (325) वहां भी सब वस्तुओं में ममत्वरहित होना चाहिये. तथा-निदानपरिहार इति // 58 // (326) निष्काम प्रवृति से मोक्ष को लक्ष्य रख कर और नियाणा का त्याग करना चाहिये. विहितमिति प्रवृत्तिरिति // 56 // (327) सब क्रियायें शास्त्रोक्त हैं, अतः प्रवृत्ति करना चाहिये. तथा-विधिना स्वाध्याययोग इति // 60 // (328) और विधिवत् स्वाध्याय करना चाहिये. तथा-आवश्यकापरिहाणिरिति // 61 // (326) साधु को अपनी आवश्यक क्रियाओं का भंग नहीं करना चाहिये. तथा-यथाशक्ति तपःसेवनमिति // 62 // (330) / और शक्तिके अनुसार तप करना चाहिये. तथा-परानुग्रहक्रियेति // 63 // (331) और दूसरों पर अनुग्रह हो ऐसी क्रिया नहीं करनी चाहिये. तथा-गुणदोषनिरूपणमिति // 64 // (332) और सब क्रियाओं में गुण दोष का ध्यान रखना चाहिये. 641 For Private And Personal Use Only