________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir %3Dगुरुवाणी यतिधर्म देशना विधि तथा-विविक्तवसतिसेवेति // 40 // (306) और एकांत स्थान में निवास करना चाहिये. तत्र स्त्रीकथापरिहार इति // 41 // (310) उसमें स्त्रीकथा का त्याग करना चाहिये. निषद्यानुपवेशनमिति // 42 // (311) स्री के आसन पर नहीं बैठना चाहिये. इन्द्रियाप्रयोग इति // 43 // (312) स्त्री के अवयवों की तरफ इंद्रियों का प्रयोग नहीं करना चाहिये. कुड्यान्तरदाम्पत्यवर्जनमिति // 44 // (313) यदि एक दीवार के अन्तर से दम्पत्ति रहते हों, तो वहां नहीं रहना चाहिये. पूर्वक्रीडितास्मृतिरिति // 45 // (314) स्त्री के साथ की हुई पहले की क्रीडा का स्मरण नहीं करना चाहिये. प्रणीताभोजनमिति // 46 // (315) अतिस्निग्ध भोजन का त्याग करना चाहिये. अतिमात्राभोग इति // 47 // // 316 // अतिशय आहार नहीं करना चाहिये. 639 For Private And Personal Use Only