________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी यतिधर्म देशना विधि अयोग्येऽग्रहणमिति // 33 // (302) अनुचित आहार ग्रहण नहीं करना चाहिये. तथा-अन्ययोग्यस्य ग्रह इति // 34 // (303) अन्य साधु या गुरु के योग्य वस्तु को भी ग्रहण कर सकता है. गुरोर्निवेदनमिति // 35 // (304) अपाश्रय से सौहाथ अधिक दूर जाने के लिये या जाकर वस्तु लाने पर पहले आने की ईर्या प्रतिक्रमण आदि आलोयणा करनी चाहिये, तत्पश्चात् गुरु से निवेदन करना चाहिये. स्वममदानमिति // 36 // (305) स्वयं लाने पर भी गुरु आज्ञा के बिना किसी को न दे. क्योंकि वह गुरु को समर्पित की हुयी है. तदाज्ञया प्रवृत्तिरिति // 37 // (306) गुरु की आज्ञा से लायी हुयी सामग्री को वितरित कर देना चाहिये. उचितत्छन्दनमिति // 38 // (307) योग्य पुरुष की निमन्त्रणा करना चाहिये. धर्मायोपभोग इति // 36 // (308) तथा सामग्री का कुछ भाग धर्म के लिये उपभोग करना चाहिये. 638 For Private And Personal Use Only