________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी यति सामान्य देशना विधि एतत् तु संभवत्यस्य, सदुपायप्रवृत्तितः / अनुपायात् तु साध्यस्य, सिद्धि नेच्छन्ति पण्डिताः // 23 // सच्चे उपायों से प्रवृत्ति करने से ही यह यतित्व संभव है। साध्य कार्य की सिद्धि पंडितजन उपाय बिना नहीं इच्छते या उपाय बिना कार्य की सिद्धि संभव नहीं. यस्तु नैवविधो मोहाच्चेष्टते शास्त्रबाधया। स ताहग लिङ्गयुक्तोऽपि, न गृही न यतिर्मतः // 24 // जो उपरोक्त रीति से न चल कर मोह के कारण शास्त्रोल्लंघन करता है वह यति लिंगधारी होने पर भी उभयभ्रष्ट है. O 632 For Private And Personal Use Only