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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी मिलता है. चाय तैयार हुई तो कप में डाला और सेठ को दे दिया. चाय पी रहे थे. ड्राइवर बाहर बाग में इन्तज़ार कर रहा था. थोड़ा समय हुआ था तो सेठ साहब तो परलोक पहुंच गए. परिवार के पांचों व्यक्ति साफ हो गए. नौकर भी साफ हो गया. घर में कोई नहीं बचा. ड्राइवर आकर के देखता है कि सभी मूर्छित पड़े हैं. ड्राइवर घबरा गया. पड़ोस में जाकर उनके किसी मित्र से कहा कि आप ज़रा आओ देखो, क्या हुआ. सेठ ने हमको पांच बजे बुलाया था, पूना चलना था, गाड़ी तैयार है. पड़ोसी ने आकर देखा. घबरा गया. डाक्टर को बुलाया. डाक्टर ने आकर देखा और कहा कि केस तो खलास है, कोई बचा नहीं. पुलिस बुलाई गई, इन्क्वायरी हुई, सचिंग हुई. क्या कारण? कोई चोर नहीं, डाकू नहीं, कोई बदमाश नहीं. जहर का असर कैसे हुआ. पुलिस ने अन्दर रसोईघर में झांक कर के देखा. चाय पीने के बाद यह घटना घटी. वहां कप-रकाबी सब जूठी पड़ी हुई थी. अन्दर जाकर के जब देखा तो केतली के अन्दर एक बड़ा जहरीला नाग था. गर्मी का समय था. पीछे पहाड़ी थी. कहीं खिड़की आदि से वह आया होगा और केतली में घुस गया. ठण्डक के कारण केतली से बाहर निकल नहीं पाया. सुबह नौकर ने केतली में पानी डाला, चाय डाला, दूध डाला और शक्कर डालकर ढंक कर के चला गया. सांप गर्मी से गैस के चूल्हे पर मर गया. उसकी ज़हर की थैली फूटी और सारा विष फैल गया. एक भी व्यक्ति उस परिवार में जीवित नहीं रहा. यह रात्रि भोजन का परिणाम है. ___ जयना से रहित भोजन की यही परिणति होती है कि सारा का सारा कटम्ब ही मौत की शैय्या पर सो गया. ऐसी घटनाएं प्रायः घटती रहती हैं. इसलिए जयना विधि से ही भोजन करें. आप कछ दिन के लिए मेरे कहने से रात्रि भोजन का त्याग कीजिए और उसके बाद आप देखेंगे इसका परिणाम कि आपका शरीर हल्का हो जाएगा. स्फूर्ति मिलेगी, ताजगी मिलेगी. भोजन में, भूख ज्यादा लगेगी. अगर आप चार रोटी खाते हैं तो छः रोटी खाएंगे. बिना पैसे की दवा है, कोई टॉनिक लेने की जरूरत नहीं. आरोग्य मिल जाएगा. गैस ट्रबल नहीं होगा. किसी तरह की बीमारी नहीं होगी. आपको दुहरा लाभ मिलेगा. आत्मा का भी आरोग्य मिले. और शरीर का भी आरोग्य मिले. चतुर्मास के अन्दर न खाने जैसी चीजों का त्याग करना चाहिए, अभक्ष्य का सेवन नहीं करना चाहिए. खाने पीने में जब तक आप का संयम नहीं आएगा, तब तक धर्म की चर्चा व्यर्थ है. जहां तक आहार की शुद्धि नहीं आएगी, वहां तक विचारों की शुद्धि नहीं आ सकती. आपको डायबटीज हो डाक्टर के पास जाएं, और वह कहेगा - इन्सुलिन का इंजेक्शन मैं देता हूं, केप्सूल देता हूं, परन्तु परहेज तो आपको करना ही पड़ेगा. अगर दवा लेते - - जाना 37 For Private And Personal Use Only
SR No.008711
Book TitleGuruvani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year1996
Total Pages410
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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