________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - गुरुवाणी3D गृहस्थ विशेष देशना विधि पूजापुरस्सरं चैत्यादिवन्दनमिति ||83 // (216) संध्यापूजा सहित चैत्यादि का वंदन करना चाहिये. तथा-साधुविश्रामणक्रियेति // 84 // (217) और साधु को विश्राम देने की क्रिया करनी चाहिये. तथा-योगाभ्यास इति // 85 // (218) योग का अभ्यास करना चाहिये. तथा-नमस्कारादिचिन्तनमिति // 86 // (216) नमस्कार आदि का चिंतन करना चाहिये. तथा-प्रशस्तभावक्रियेति // 87 // (220) प्रशंसनीय अंतःकरण भाव करना चाहिये. तथा-भवस्थितिप्रेक्षणमिति // 88|| (221) और संसार की स्थिति का विचार करना चाहिये. तदनु तन्नैर्गुण्यभावनेति // 86 // (222) तब उसकी निस्सारता का विचार करना चाहिये. तथा-अपवर्गालोचनमिति ||60 // (223) और मुक्ति (मोक्ष) का विचार करना चाहिये. तथा-श्रामण्यानुराग इति // 61 // (224) और साधुत्व में अनुराग रखना चाहिये. नि 622 For Private And Personal Use Only