________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी गृहस्थ विशेष देशना विधि तथा-चैत्यादिपूजापुरःसरं भोजनमिति // 75 // (208) चैत्य आदि की पूजा करके भोजन करना चाहिये. तथा-तदन्वेव प्रत्याख्यानक्रियेति 76 // (206) भोजन उपरांत पच्चक्खाण करना चाहिये. तथा-शरीरस्थितौ प्रयत्न इति // 77 // (210) शरीर की स्थिति, उसकी संभाल के लिये प्रयत्न करे या शरीर रक्षा का प्रयत्न करना चाहिये. तथा-तदुत्तरकार्यचिन्तेति // 78 // (211) और (शरीर स्थिति के लिये) भविष्य के कार्यों की चिंता करनी चाहिये. तथा-कुशलभावनायां प्रबन्ध इति // 76 // (212) शुभ भावनाओं में चित्त को लगाना चाहिये. तथा-शिष्टचरितश्रवणमिति ||80 // (213) और शिष्ट पुरुषों के चरित्र का श्रवण करना चाहिये. तथा-सान्ध्यविधिपालनेति ||81 // (214) और संध्याकाल की विधि का पालन करना चाहिये. यथोचितं तत्प्रतिपत्तिरिति ||82|| (215) यथाशक्ति उस विधि को अंगीकार करना चाहिये. NA 621 For Private And Personal Use Only