________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 3 -गुरुवाणी गृहस्थ विशेष देशना विधि तथा-धर्मचिन्तया स्वपनमिति // 42 // (175) और धर्मचिन्तन करते हुए सोना चाहिये. तथा-नमस्कारेणावबोध इति // 43 // (176) नमस्कार मंत्र कहते हुए जागना चाहिये. तथा-प्रयत्नकृतावश्यकस्य विधिना चैत्यादिवन्दनमिति // 44 // (177) प्रयत्न से आवश्यक क्रिया करके विधि सहित चैत्यवंदन करना चाहिये तथा-सम्यक्प्रत्याख्यानक्रियेति // 45 // (178) और सम्यक् प्रकार से पच्चक्खाण ग्रहण करना चाहिये. तथा-यथोचितं चैत्यगृहगमनमिति // 46 // (176) योग्य रीति से मंदिर में जाना चाहिये. तथा-विधिनाऽनुप्रवेश इति // 47 // (180) और विधिसहित मंदिर में प्रवेश करना चाहिये. तत्र च उचितोपचारकरणमिति // 48 // (181) वहां उचित उपचार (सेवा-भक्ति) करना चाहिये. ततो भावतः स्ववपाठ इति // 46 // (182) तब भाव से स्तोत्र पाठ या स्तवन आदि करना चाहिये. 617 For Private And Personal Use Only