________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुवाणी गृहस्थ देशना विधि तथा-कल्याणपरम्पराख्यानमिति // 18 // (76) और उत्तम कुल में आकर उसे कल्याण परंपरा प्राप्त होती है ऐसा कहे. तथा-असदाचारगति ||16|| (77) और असत आचार से घृणा करनी चाहिये. तथा-तत्स्वरूपकथनमिति // 20 // (78) और असदाचार के विभिन्न स्वरूपों को बताना चाहिये. तथा-स्वयं परिहार इति // 21 // (76) स्वयं (उपदेशक) को भी असदाचार का त्याग करना चाहिये. तथा-ऋजुभावासेवनमिति ||22|| (80) और कुटिलता का त्याग कर सरलभाव रखना चाहिये. तथा-अपायहेतुत्वदेशनेति // 23 // (81) असदाचार जनित और अन्य अनर्थ (दुःख) के कारणों को बताना चाहिये. नारकदुःखोपवर्णनमिति // 24 // (82) नारकी के दुःखों का वर्णन करना चाहिये. तथा-दुष्कुलजन्मप्रशस्तिरिति // 25 // (83) असदाचार और हीन आचरण करने वालों का इससे बुरे व हलके कुल में जन्म होता है, वह बताना चाहिये. AR 602 For Private And Personal Use Only