________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -गुरुवाणी गृहस्थ सामान्य धर्म तथा-माता-पितृपूजेति // 31 // माता पिता की पूजा करनी चाहिये. आमुष्मिकयोगकारणं तदनुज्ञया प्रवृत्तिः प्रधानाभिनवोपनयनं तद्भोगेऽप्यत्र तदनुचितादिति // 32 // माता पिता को धर्म की प्रेरणा करना, उनकी आज्ञा से प्रवृत्ति करना तथा उनके अयोग्य वस्तु को छोड़ कर प्रत्येक नयी व श्रेष्ठ वस्तु उनको भेंट करके भोग में लाना चाहिये. तथा-अनुद्वेजनीया प्रवृत्तिरिति // 33 // किसी को भी अशान्ति या उद्वेग न करने वाली प्रवृत्ति ही करना चाहिये. तथा-भर्त्तव्यभरणमिति // 34 // माता, पिता सती स्त्री एवं छोटे बच्चों सहित भरण-पोषण करने योग्य (आश्रित) जनों का भरण-पोषण करना चाहिये. तथा-तस्य यथोचितं विनियोग इति // 35 // तथा माता पिता को उनके योग्य धर्म एवं अन्य परिजनों को उनके योग्य कार्य में लगाना चाहिये. तथा-तत्प्रयोजनेषु बद्धलक्षतेति // 36 // और उस पोष्य वर्ग को जो भी काम सौंपा हो, उसकी प्रगति पर ध्यान देना चाहिये. तथा-अपायपरिरक्षोद्योग इति // 37 // अनर्थ या विनाश से पोष्य वर्ग की रक्षा का प्रयत्न करना चाहिये. 595 For Private And Personal Use Only