________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir % 3Dगुरुवाणी गृहस्थ सामान्य धर्म तथा-अनेकनिर्गमादिवर्जनमिति // 23 // जाने आने के बहुत से द्वारों से रहित घर बनाये. तथा-विभवाद्यनुरूपो वेषो विरुद्धत्यागेनेति // 24 // अपनी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के अनुरूप वेषभूषा पहने. तथा-आयोचितो व्यय इति // 25 // आय के अनुसार व्यय करना चाहिये. तथा-प्रसिद्धदेशाचारपालनमिति // 26 // भोजन-वस्त्रादि में प्रचलित व्यवहार तथा शिष्ट जनों द्वारा अंगीकृत देशाचार का पालन करना चाहिये. तथा-गर्हितेषु गाढमप्रवृत्तिरिति // 27 // निन्दित कार्य में लेश मात्र भी प्रवृत्ति न करना चाहिये तथा-सर्वेष्ववर्णवादत्यागो विशेषतो राजादिष्विति // 28 // सब जनों की अकारण निन्दा विशेषतः राजा आदि की निन्दा का त्याग करना चाहिये. तथा-असदाचारैरसंसग इति // 26 // दुराचारी की संगति नहीं करनी चाहिये. संसर्ग:सदाचारैरिति // 30 // सदाचारी जनों की संगति करनी चाहिये. 594 For Private And Personal Use Only