________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुवाणी चलाओ. एक हथौडा लेकर के गया. जहां मील का इंजन था. वहां जोर से एक हथौडा मारा मील शुरू हो गई. मफतलाल ने कहा मेरे दस हजार रुपये? क्या बात करते हो, एक हथौड़ा मारकर और दस हजार? हथौड़ा कहां मारना? सेठ साहब, उसका पैसा ले रहा हूं. हथौड़ा तो तैयार है, आप मारो न. पूरे मिल के अन्दर जहां मारो कौन मना करता है परन्तु कहां मारना उसका पैसे ले रहा हूं. आपके वायलर के अन्दर लोहे की सिल्ली आकर फस गई थी. वह मेरे ध्यान में आ गयी बड़े जोर से हथौड़ा मारा. ज्ञानी पुरुषों के पास शक्ति होती है. साधना का अपूर्व बल होता है, इसी तरह कहा इसका उपयोग करना, उस उपयोग का मूल्य हैं. पायजन का उपयोग कैसे करना कि दवा बन जाये. वह कलिकाल सर्वज्ञ को मालूम था. कुमार पाल राजा को कह दिया. निश्चिन्त होकर कर चले जाओ. आराम से सो जाओ. यह तुम्हारी चिन्ता नहीं. मेरी चिन्ता है. क्षमा करने वाले के घर पर अगर ऐसी समस्या आ जाये तो साधु उस आत्मा की रक्षा के लिए, शासन की रक्षा के लिए, उस शक्ति का सब तरह से उपयोग करेंगे. रात्रि का समय था. अपनी साधना में थे. साधना से आकर्षित करके देवों का बुलवाया. पुण्य बल इतना जबरदस्त देवता सेवक बनकर के सामने आये. आदेश दिया इस राज्य में वर्तमान में जो स्थिति है, यहां जो दुश्मन आये हैं, गुजरात पर आक्रमण करने के लिए जो पाटन पहुंच गये है, चारों तरफ से नगरी को घेर लिया, तुम उस सेना के सेनापति को लेकर कुमारपाल के महल में सुला दो. देवों ने उसे उठाया और कुमारपाल के महल में ले जाकर के सुला दिया. पलंग सहित ही कुमार पाल के महल में ट्रान्सफर हो गया. उसे मालूम नहीं वह सोया था. सुबह-सुबह ही महाराज राजमहल में गये और पूछा कुमार पाल कहा हैं? महाराज ऊपर हैं, गये. कुमार पाल को कहा कि कुमारपाल तेरी चिन्ता दूर करके आया हूं. भगवान क्या? कैसे? अपने राजमहल में जाकर के देखो, सेनापति ऊपर सो रहा है. भगवन्, यह कैसे हो गया? मैंने उसपर आक्रमण नहीं किया, उसे पकड़ने का कोई प्रयत्न हमने नहीं किया, यह कैसे हो गया? जाओ. जैसे ही वे वहां गये जाकर कुमार पाल ने देखा पलंग पर वह बड़ी आराम की नींद 575 For Private And Personal Use Only